💥 क्या है यह बड़ा सौदा?
इस ऐतिहासिक करार के तहत, HAL अमेरिकी कंपनी GE एयरोस्पेस से 113 F404-IN20 इंजन खरीदेगा। इस सौदे की कुल लागत लगभग ₹5,375 करोड़ (लगभग $645.5 मिलियन) है।
यह कोई मामूली खरीद नहीं है; यह इंजन 'तेजस' लड़ाकू विमान की जान हैं। F404-IN20 इंजन अपनी श्रेणी में सबसे भरोसेमंद और शक्तिशाली इंजनों में से एक माने जाते हैं, जो तेजस को वह रफ़्तार और थ्रस्ट (thrust) प्रदान करते हैं जिसकी उसे युद्धक्षेत्र में ज़रूरत होती है।
✈️ क्यों हैं ये इंजन इतने महत्वपूर्ण?
ये 113 इंजन सीधे तौर पर भारतीय वायुसेना के 97 तेजस Mk-1A (मार्क-1ए) लड़ाकू विमानों के बेड़े को शक्ति प्रदान करेंगे।
तेजस Mk-1A, भारत का स्वदेशी हल्का लड़ाकू विमान (Light Combat Aircraft - LCA) है, जिसे HAL द्वारा ही निर्मित किया जा रहा है। यह 'आत्मनिर्भर भारत' का एक चमकता हुआ सितारा है। इन 97 विमानों का ऑर्डर पहले ही HAL को मिल चुका है, और GE के साथ यह नया सौदा सुनिश्चित करेगा कि इन विमानों का उत्पादन बिना किसी रुकावट के, तय समय-सीमा के भीतर पूरा हो सके।
यह सौदा भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते रक्षा और तकनीकी सहयोग का भी एक बड़ा प्रमाण है।
🗓️ कब शुरू होगी डिलीवरी?
समझौते के अनुसार, इन शक्तिशाली इंजनों की डिलीवरी साल 2027 में शुरू होगी और 2032 तक जारी रहेगी। यह टाइमलाइन HAL के तेजस Mk-1A उत्पादन कार्यक्रम के साथ पूरी तरह से मेल खाती है, जो यह सुनिश्चित करता है कि जैसे-जैसे विमानों का एयरफ्रेम तैयार होगा, उन्हें तुरंत इंजन से लैस किया जा सकेगा।
यह खबर भारतीय वायुसेना के लिए एक बड़े बूस्ट के तौर पर आई है, जो अपने बेड़े का आधुनिकीकरण करने और पुराने मिग-21 विमानों को बदलने की प्रक्रिया में है। तेजस Mk-1A इस बदलाव की रीढ़ है, और GE के ये इंजन उस रीढ़ को फौलादी मजबूती देंगे।
