जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस बीआर गवई की बेंच ने याचिकाकर्ता को 'साहसी' करार देते हुए कहा कि 'प्रतिरूपण और पेपर लीक की घटनाएं उन लाखों छात्रों के लिए नुकसानदेह नहीं हो सकतीं, जो परीक्षा में शामिल हुए हैं।' कोर्ट ने याचिकाकर्ता को चेतावनी देते हुए कहा कि इस तरह की याचिका दायर करने के लिए कोर्ट की कार्यवाही की लागत का पूरा खर्च आपसे वसूल सकती है।
क्या हुआ कोर्ट में?
सुनवाई शुरू होने पर न्यायमूर्ति राव ने इस तरह की एक याचिका को देखकर असहजता व्यक्त की। उन्होंने याचिकाकर्ता के वकील से पूछा कि क्या उन्होंने कभी कोर्ट की कार्यवाही की लागत वसूलते हुए याचिका खारिज करने पर विचार किया, क्योंकि इस स्तर की परीक्षा को रद्द करना एक साहसिक मांग है। याचिकाकर्ता के वकील ने आगे कहा कि नीट यूजी 2021 पेपर लीक को लेकर देश के विभिन्न हिस्सों में एफआईआर दर्ज की गई थी, जिस पर जस्टिस राव ने पूछा कि कुछ एफआईआर लाखों छात्रों द्वारा ली जाने वाली परीक्षा को कैसे प्रभावित कर सकती हैं।
इस परीक्षा से जुड़ा पूरा मामला जानिए
नीट 2021 कैंसिल कराने को लेकर सोशल मीडिया पर कई दिनों से चर्चा हो रही है। विभिन्न नीट यूजी एग्जाम के कैंडिडेट्स द्वारा कथित पेपर लीक पर फिर से एग्जाम की मांग करते हुए एक याचिका दायर की गई थी। वे सर्वोच्च न्यायालय के हस्तक्षेप की मांग कर रहे थे क्योंकि याचिकाकर्ताओं ने दावा किया था कि प्रारंभिक जांच ने नीट यूजी 2021 परीक्षा को 'अपरिवर्तनीय रूप से विकृत' किया था। नीट 2021 रद्द करने की याचिका को खारिज करते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह एग्जाम रद्द नहीं की जाएगी और दोबारा एग्जाम या इससे संबंधित किसी भी याचिका पर विचार नहीं किया जाएगा।
